यही वो जगह है, यही वो फिजायें यही पर कभी आप हमसे मिले थे इन्हें हम भला किस तरह भूल जाए यही पर कभी आप हम से मिले थे यही पर मेरा हाथ में, हाथ लेकर कभी ना बिछडने का वादा किया था सदा के लिए हो गए हम तुम्हारे गले से लगाकर हमे ये कहा था कभी कम ना होंगी हमारी वफायें यही पर वफ़ा का नया रंग भर के बनायी थी चाहत की तसवीर तुमने यही की बहारों से फूलों को चुनकर सवारी थी उल्फत की तकदीर तुमने वो दिन आप को याद कैसे दिलाये
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, S H Bihari Lyrics powered by www.musixmatch.com