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Prakash Chandra
कभी आशा कभी निराशा
दुआओं में अभी असर है
अय ज़िंदगी तू दो टूक है
दिखे तू ही तू
सूनी राहों में हम चले
हवा में घुला नशा
न पिघले दिल मायूसी पे
V.M. Mahalingam
Moothakudi
चेहरे पे उभरा जो दर्द
आशिक़ी के रंग हैं
न जाने क्यों ख़फ़ा हुए
बड़े प्यार से देखा तुमने
ज़रा ख़ुश रहना सीख लो
मैंने दिल तुझको दिया
तेरे मेरे सपने
Pooja Nayal Bisht, Prakash Chandra
O Paruwa Bojyu
दिल बेवजह बातें करता नहीं
जबसे हो तुम मेहरबां